किसानों को मालामाल कर देगी स्ट्रॉबेरी की खेती, मुनाफा इतना होगा की बड़े किसानो में आएगा नाम

Written by Karara Jawab

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Strawberry Farming: किसानों को मालामाल कर देगी स्ट्रॉबेरी की खेती, मुनाफा इतना होगा की बड़े किसानो में आएगा नाम, आज हम आपको यह पर स्ट्रॉबेरी की खेती को करने के बारे में बताते है जिसका रंग लाल रंग का होता ही और यह खाने में खट्टा मीठा स्वाद होता है और यह दिखने में बड़ा ही सूंदर दिखाई देता है जिससे यह अच्छा मुनाफा को भी कमाया जा सकता है और यदि आप महाराष्ट्र के महाबलेश्वर हिल स्टेशन घूमने गए होंगे तो वहां स्ट्रॉबेरी ज़रूर खाई होगी। वैसे तो स्ट्रॉबेरी आजकल हर जगह मिल जाती हैऔर महाबलेश्वर की स्ट्रॉबेरी लोकप्रिय है।और लोगों को यह बहुत पसंद आता है। और यह दूसरे भारतीय फलों के मुकाबले स्ट्रॉबेरी महंगी होती और आजकल इसकी डिमांड भी बढ़ रही है। और ऐसे में मुनाफा का सौदा होने की वजह से किसान इसकी खेती के लिए प्रेरित हो रहे हैं। यदि आप भी अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं, तो स्ट्रॉबेरी की खेती कर सकते हैं।

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स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए मिटटी और जलवायु 

यहा पर आपको स्ट्रॉबेरी की खेती वैसे तो हर तरह की मिट्टी में हो सकती है,और इसकी बलुई दोमट और लाल मिट्टी में पैदावार अधिक होती है।और साथ में सड़े पत्तों से बनी मिट्टी से भरपूर मिट्टी इसके लिए उपयुक्त है, क्योंकि इसकी 70 से 90 प्रतिशत जड़ें मिट्टी के ऊपरी 15 सेंटिमीटर में ही विकसित होती हैं।और ऐसी मिट्टी जिसमें पहले आलू, टमाटर, बैंगन, मिर्च आदि उगाये गए हों, और उसमें स्ट्रॉबेरी की खेती नहीं की जानी चाहिए। स्ट्रॉबेरी की खेती पर तापमान का बहुत असर पड़ता है। दिन के समय 22 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान और रात के समय 7 से 13 डिग्री सेल्सियस तापमान इसके लिए उपयुक्त है। ज़्यादा ठंड में इसकी पैदावार अच्छी नहीं होती है।

स्ट्रॉबेरी की किस्में 

वैसे तो देखा जाये भारत में स्ट्राबेरी की बहुत सी किस्में उगाई जाती हैं और इसमें कम से कम 600 किस्मे उगाई जाती है जैसे की कमारोसा, चांडलर, ओफ्रा, ब्लैक मोर, स्वीड चार्ली, एलिस्ता और फेयर फॉक्स किस्मों की खेती की जाती है।इन सभी किस्मों को सितंबर से अक्टूबर महीने में बोया जाता है।और यह स्ट्रॉबेरी की किस्म और मिट्टी पर निर्भर करता है

जाने कैसे करे इसकी सिचाई 

यह पर स्ट्रॉबेरी का पौधा लगने के बाद बहुत अधिक पानी न डालें।और इसके खेती के लिए मिट्टी की नमी के हिसाब से ही सिंचाई करनी चाहिए।और इसके लिए सिंचाई का ड्रिप या स्प्रिकंलर सबसे अच्छा तरीका है।और स्ट्रॉबेरी का पौधा बहुत ही नाज़ुक होता है, इसलिए इसे अधिक देखभाल की ज़रूरत है। और स्ट्रॉबेरी का पौधा लगाने के डेढ़ महीने बाद ही इसमें फल आने लगते हैं और 4 महीने तक आते रहते हैं।

देखे किसानो लिए मुनाफे की खेती 

यह पर अगर मुनाफे की बात की जाये अब सिर्फ एक हेक्टेयर में स्ट्रबेरी की खेती करके 3.5 से 4 लाख रुपए तक कमा रहे हैं। और बस आपको करना क्या है शुरुआत में सिर्फ 500 पौधे लगाए, लेकिन अब वह 10,000 से अधिक पौधे लगाकर अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं।और प्रतिदिन 40 से 50 किलो स्ट्रॉबेरी का उत्पादन होता है जिसे वह 150 से 200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बाज़ार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। स्ट्रॉबेरी की खेती में होने वाले मनाफे को देखते हुए ही आज के युवा किसान इसकी खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।

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