Kheti Kisani: नार्मल गेहू से अधिक उपज देगी काले गेहू की खेती, रेट में भी है महंगी

Written by Karara Jawab

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Kheti Kisani: नार्मल गेहू से अधिक उपज देगी काले गेहू की खेती, रेट में भी है महंगी, हमारे देश को कृषि प्रधान देश कहा जाता है और हमारे भारत देश में कई तरह की फसलों को उगाया जाता है और साथ में की तरह की सब्जिया और फल और फूलो आदि की खेती की जताई है और किसानो के लिए अब फलों, सब्जियों और फसलों की नई किस्मों की खेती कर रहे हैं। और फसलों में आजकल किसानों का झुकाव काले गेहूं की खेती की जाती है ओर इससे उन्हें अच्छी आमदनी होती है।और देश में गेहूं की कई किस्में हैं।और इसमें कुछ प्रजातियाँ रोग प्रतिरोधी होती हैं और कुछ का उत्पादन अधिक होता है, और इसलिए खान-पान में बदलाव आया है। काले गेहूं का आकार सामान्य गेहूं के बराबर होता है,और लेकिन इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जिसके कारण बाजार में इसकी काफी मांग है।और सामान्य गेहूं की तुलना में काले गेहूं के फायदे काला गेहूं दिखने में काला या बैंगनी रंग का होता है, लेकिन इसके गुण सामान्य गेहूं से अधिक होते हैं।

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जाने कितना अलग है साधारण गेहू से 

यह पको बता दे की इस काळा गेहू में एंथोसायनिन पिगमेंट की मात्रा अधिक होती है,और जिसके कारण यह काला दिखाई देता है और सफेद गेहूं में एंथोसायनिन की मात्रा 5 से 15 पीपीएम होती हैऔर जबकि काले गेहूं में यह 40 से 140 पीपीएम तक होती है। काले गेहूं में एंथ्रोसायनिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है,और साथ में जो व्यक्ति को हार्ट अटैक, कैंसर, डायबिटीज, मानसिक तनाव, घुटनों के दर्द, एनीमिया जैसी बीमारियों में काफी अच्छा होता है

जाने कब और कैसे करें बुआई 

यह पर हम आपसे रबी की खेती के बारे में बात कर रहे है और इस फसल की खेती नवंबर का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है। और काले गेहूं के लिए नमी बहुत जरूरी है और नवंबर के बाद काला गेहूं बोया जाए तो पैदावार कम हो जाती है।और इस फसल में मतलब की काळा गेहू में जिंक व् यूरिया को डालते है और साथ डीएपी डालने के लिए ड्रिल का उपयोग किया जाता है और आपको गेहू की बुआई के समय में हर खेत 50 किग्रा डीएपी, 45 किग्रा यूरिया, 20 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश व 10 किग्रा जिंक सल्फेट का प्रयोग करना चाहिए फिर पहली सिंचाई के समय 60 किग्रा यूरिया डालना चाहिए।

काला गेहू की सिचाई 

इस आर्टिकल में हम आपके सामने काळा गेहू की सिचाई को करने के बारे के बता है और इस फसल को लगाने के बाद कम से कम 15 दिन बाद सिचाई करते है और बालियां निकलने से पहले और दाने पकने के समय सिंचाई जरूर से करे और काले गेहूं की यह नई किस्म राष्ट्रीय कृषि खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान नबी, मोहाली, पंजाब द्वारा विकसित की गई है।

इस फसल से मुनाफा 

यहा पर आपको हम इस फसल से मुनाफा के बारे में बताते है और इस फसल जबकि नार्मल गेहूं का भाव महज 2,000 रुपये प्रति क्विंटल है।और एक स्टडी के मुताबिक, 1 बीघे में 1000 से 1200 किलो तक काला गेहूं की पैदावार की जा सकती हैं। इस गेहूं का रेट लगभग 50 रूपये किलो से ऊपर रहता है। 

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