सूरज मुखी की खेती को कर किसान कमा सकते है लाखो का मुनाफा, जाने इसके फायदे के बारे में

Written by Karara Jawab

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Kheti Kisani News: सूरज मुखी की खेती को कर किसान कमा सकते है लाखो का मुनाफा, जाने इसके फायदे के बारे में, हमारे भारत में कुसुमकी खेती को प्रमुख रूप से किया जाता है और इसे सूरज मुखी और इसे सनफ्लावर के नाम से भी जाना है और ये भारत में कुसुम की खेती करने वाले प्रमुख राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा और बिहार शामिल हैं। और हमारा भारत कुसुम की खेती करने के लिये सबसे बड़ा उत्पादक देश हैं। और हमारे भारत में मुख्य रुप से कुसुम के फल की बीजों से निकाले गए तेल का उपयोग करके खाना बनाने के लिए किया जाता हैं।

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सूरजमुखी की खेती के लिए मिट्टी 

आज हम आपको यहा सूरज मुखी की खेती करने के बारे में बताने जा ररहे है और इसके लिए सबसे पहले 15 डिग्री का तापमान होंना चाहिए और उसकी अच्छी पैदावार करने के लिए 20 से 25 डिग्री तक का तापमान होना चाहिए और सूरजमुखी की खेती में अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिये कुसुम की फसल के लिये मध्यम काली भूमि से लेकर भारी काली भूमि उपयुक्त होती है। और इस खेती की मिट्टी का पीएच मान 5 से 7 के बीच का होना चाहिए

जाने इसका सही समय 

इसकी खेती करने का सही समय सितम्बर माह के अंतिम से अक्टूबर माह के बीच तक हो जनि चाहिए और यदि खरीफ सीजन में सोयाबीन की फसल बोई जाती है और तो कुसुम फसल बोने का उपयुक्त समय अक्टूबर माह के अंत तक का है। अगर आपने खरीफ सीजन में कोई भी फसल नहीं लगाई हो तो सितम्बर माह के अंत से अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह तक कुसुम फसल की बुवाई कर सकते हैं। और कुसुम की खेती में भुरभुरी मिट्टी की आवश्यकता होती है, खेत को सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करनी होती है।

कुसुम की खेती उन्नत किस्में 

सूरजमुखी की कुछ उन्नत किस्में इस प्रकार है जैसे की के 65 यह कुसुम की एक प्रजाति है, जो 180 से 190 दिन में पक जाती है। इसमें तेल की मात्रा 30 से 34 प्रतिशत तक होती है और इसकी औसत उपज 14 से 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की है।और मालवीय कुसुम 305 यह कुसुम की एक उन्नत किस्म है जो 155 से 160 दिन में पकती है। इस किस्म में तेल की मात्रा 37 प्रतिशत तक की होती है। और ए 300 यह किस्म 155 से 165 दिनों में पककर तैयार होती हैं। इसकी औसत पैदावार 8 से 9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की होती है। इस किस्म में फूल पीले रंग के होते हैं तथा बीज मध्यम आकार एवं सफेद रंग के होते हैं। बीजों में 31.7 प्रतिशत तक तेल पाया जाता है।

जाने फल और बीज के फायदे के बारे 

आज हम आपको सूरज मुखी के फल और बीज दोनों के फायदे के बारे में बताने जा रहे है जिससे इसकी मार्किट में अच्छी खासी डिमांड में रहता है और इस फल में कई प्रकार के औषधीय गुण पाएं जाते हैं। जिसमे की कुसुम का बीज, छिलका, पत्ती, पंखुड़ियां, तेल, शरबत सभी का उपयोग औषधि के रूप में किया जा सकता है।और सूरजमुखी के तेल का उपयोग भोजन में करने पर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम रहती है एवं तेल से सिर दर्द में भी आराम मिलता है। और जैसे की कुसुम का फल डायबिटिक मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।और कुसुम का फल खाने से गंजेपन की समस्या दूर होती हैं और कुसुम का फल खाने से कान के दर्द में राहत मिलती हैं।कुसुम का फल खाने से अल्सर ठीक हो जाता हैं।और कुसुम का फल खाने से जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता हैं।कुसुम का फल खाने से चेहरे पर निखार आता है।कुसुम का फल खाने से कैंसर ठीक करने में मदद मिलती हैं।

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