तिजोरी से कोसों दूर भाग जाएगी कंगाली,अगर करेंगे कुछ नियमों का पालन, जानिए क्या है वो नियम , हिन्दू धर्म में यंत्रों का खास महत्व है। यंत्र न सिर्फ व्यक्ति को मनोवांछित वरदान दिलाने में सहायक साबित होते हैं,बल्कि इनके द्वारा देवी देवताओं का आशर्वाद भी हमें प्राप्त होता है यंत्र का अपना एक तारण मंत्र होता है।घर में कहां पर और किस दिशा में कौन सी वस्तु रखनी चाहिए. मान्यता है कि इन नियमों को ध्यान में रखने से आर्थिक या मानसिक किसी भी तरह की परेशानियां हमें परेशान नहीं करती हैं.वास्तु में कुबेर यंत्र का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इसे वास्तु का ख्याल रखते हुए घर में लगाने से पैसों की सारी परेशानियां गायब हो जाती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं
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कुबेर यंत्र को सही दिशा में रखे
वास्तु की मानें, तो कुबेर यंत्र का लाभ हमें तभी मिलता है, जब इसे सही दिशा में रखा गया हो अन्यथा हमें इसका कोई लाभ नहीं मिल पता और में हर जगह हानि ही होती है, शास्त्रों की मानें, तो कुबरे यंत्र को धन प्राप्ति के लिए घर में स्थापित किया जाता है. वास्तु में घर की उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा मानी जाती है.सही दिशा में रखने से गरीबी को दूर कर घर में खुशहाली लाने की मान्यता है कि इसी दिशा में धन के देवता कुबेर का वास होता है। कुबेर यंत्र की साधना करने से धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं और घर में सुख- शाति का बनी रहती है।
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कौन सी दिशा कुबेर यंत्र की
ऐसे में कुबेर की दया दृष्टि पाने के लिए कुबेर यंत्र को हमेशा घर की उत्तर दिशा में रखना चाहिए. मां लक्ष्मी के अतिरिक्त मात्र एक कुबेर देव ही हैं जो व्यक्ति को धन-संपदा का आशीष प्रदान करते हैं। वहीं, धन की तिजोरी को घर में इस तरह रखें कि उसके द्वार हमेशा उत्तर दिशा में ही खुलें. मान्यता है कि इससे भगवान कुबेर और मां लक्ष्मी दोनों के आशीर्वाद मिलता रहता है।
कुबेर यंत्र की विधि
- श्री कुबेर यंत्र खरीदें और घर पर लाएं।
- उस यंत्र को एक पीले कपड़े में लपेटकर मंदिर (घर के मंदिर के वास्तु नियम) के सामने किसी बर्तन में रख दें।
- अगले दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें और एक छोटी लुटिया में जल ले आएं।
- लुटिया में जल के साथ साथ एक अलग बर्तन में गंगाजल और कच्चा दूध भी ले लें।
- अब आसन बिछाकर उस पर बैठ जाएं और कुबेर यंत्र को कपड़े से बाहर निकालें।
- सीधे हाथ में जल भरकर कुबेर यंत्र पर अर्पित करें।
- फिर गंगाजल या कच्चे दूध से कुबेर यंत्र को अभिषेक कराएं।
- अभिषेक के बाद 11 या 21 बार ‘ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:’ मंत्र का जाप करें।
- मंत्र जाप के बाद धन के देवता कुबेर का स्मरण करें और उनसे आपकी आर्थिक समस्या के निवारण हेतु प्रार्थना करें।
- प्रार्थना के बाद कुबेर यंत्र को या तो मंदिर में या तिजोरी में स्थापित करें।
कुबेर यंत्र नियम
- कुबेर यंत्र स्वर्ण, ताम्रपत्र, भोजपत्र या अष्टधातु का होना चाहिए।
- अगर मंदिर में कुबेर यंत्र रख रहे हैं तो पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए।
- दिवस का ध्यान रखते हुए कुबेर यंत्र को मंदिर में मंगलवार या शनिवार के दिन ही स्थापित करें।
- मंदिर या तिजोरी में स्थापित करने के बाद इसकी रोजाना पूजा करना न भूलें।
- जलाभिषेक कर रोजाना यंत्र का शुद्धिकरण अवश्य करें।
- कुबेर यंत्र को गले में कदापि न पहनें क्योंकि संतों जैसी शुद्धता गृहस्थ जीवन में संभव नहीं।