अंगूर की खेती से होगी अंधाधुन कमाई, इस आसान तरीके से करे अंगूर की खेती

Written by News Desk

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भारत कृषि प्रधान देश हैं। यहाँ के किसान कई तरह की फसलों की खेती करते हैं जिससे अच्छी खासी कमाई होती हैं। अंगूर की खेती भारत में सबसे अधिक मांग वाले कृषि व्यवसाय में से एक है। अंगूर दुनिया में सबसे लोकप्रिय फल हैं। इस स्वादिष्ट और सेहतमंद फल का लोगों के बीच खास मजा है। अंगूर की खेती से होगी अंधाधुन कमाई, इस आसान तरीके से करे अंगूर की खेती।

इस आसान तरीके से करे अंगूर की खेती

अंगूर गर्मियों में सबसे अधिक मांग वाले फल होते हैं क्योंकि वे रसदार और स्वस्थ होते हैं। यह स्वादिष्ट फल हमारे पीएच स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही यह कई रंगों और किस्मों में उपलब्ध है। किसानों के लिए अंगूर की खेती के सही समय के बारे में जानना बहुत जरूरी है क्योंकि अंगूर की खेती फसल काटने की श्रेणी में आती है। ताकि अंगूर का प्रजनन मुख्य रूप से कलम काटने से हो। जनवरी के महीने में कटी हुई टहनियों से कटिंग ली जाती है। आइये इसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं।

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अंगूर की खेती के इन क्षेत्रो में उपयुक्त होती हैं

बता दे की अंगूर की खेती देश के लगभग सभी क्षेत्रों में की जा सकती है। इसकी खेती के लिए गर्म, शुष्क, जलवायु अनुकूल है। इसके लिए बहुत अधिक तापमान नुकसान पहुंचा सकता है। उच्च तापमान के साथ उच्च आर्द्रता के कारण रोग होता है। फलों के विकास और पके अंगूरों की बनावट और गुणवत्ता पर जलवायु का बहुत प्रभाव पड़ता है। भारत में मुख्य रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु शामिल हैं। महाराष्ट्र भारत का प्रमुख राज्य है जहां अंगूर ज्यादा मात्रा में मिलते हैं।

अंगूर की खेती के लिए सही मिट्टी का चुनाव हैं जरुरी

अंगूर की खेती के लिए उपयुक्त मिटटी का होना हैं जरुरी। अंगूर की खेती के लिए सबसे जरूरी है कि जमीन का चुनाव सही हो ताकि आपको खेती में नुकसान न उठाना पड़े। अंगूर की जड़ की संरचना काफी मजबूत होती है। इसलिए यह दोमट, रेतीली से दोमट और उथली से गहरी मिट्टी में सफलतापूर्वक पनपती है। लेकिन रेतीली, दोमट मिट्टी, जिसमें अच्छी जल निकासी होती है, अंगूर की खेती के लिए उपयुक्त होती है। भारत में लगभग 40,000 हेक्टेयर में अंगूर उगाए जाते हैं।

अंगूर की कटाई कैसे करे और कोनसा मौसम होता हैं अनुकूल

अंगूर की कटाई कैसे करे और कोनसा मौसम होता हैं अनुकूल। भारत में अंगूर आम तौर पर अक्टूबर से जनवरी तक उगाए जाते हैं। वसंत अंगूर का मौसम है क्योंकि यह मौसम भारत में अंगूर उत्पादन के लिए अनुकूल है। कभी-कभी अंगूर जून-जुलाई के दौरान बोए जाते हैं जहां वर्षा देर से होती है। हमेशा स्वस्थ और परिपक्व टहनियों से ही कटिंग लें। आम तौर पर 4-6 समुद्री मील के साथ 23-45 सेमी। लंबे पेन का इस्तेमाल करें। पेन का निचला कट गाँठ के ठीक नीचे होना चाहिए शीर्ष कट तिरछा होना चाहिए। इन कलमों को जमीन की सतह से ऊँचे क्यारियों में रोपित करें। जनवरी में नर्सरी से एक साल पुरानी जड़ वाली कलमें लें और उन्हें बगीचे में लगाएं।

अंगूर की खेती से होगी अंधाधुन कमाई, इस आसान तरीके से करे अंगूर की खेती

अंगूर की खेती भारत के विभिन्न भागों में की जा सकती है। ऐसे में किसानों के लिए सिंचाई की विशेष आवश्यकता को जानना आवश्यक हो जाता है। देश में अंगूर ज्यादातर अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में उगाए जाते हैं जहां अपर्याप्त वर्षा और उच्च वाष्पोत्सर्जन की कमी होती है। अतः पूरक सिंचाई आवश्यक हो जाती है। विकास के विभिन्न चरणों के दौरान बेलों की पानी की अलग-अलग आवश्यकताएँ होती हैं।

अंगूर की खेती से कम लागत में होगी ज्यादा कमाई

अंगूर की खेती से कम लागत में होगी ज्यादा कमाई। अंगूर की खेती की लागत कई मापदंडों पर निर्भर करती है। जैसे अंगूर की कटाई की लागत, खेती के लिए आवश्यक उर्वरक, रोगों की रोकथाम के लिए दवा का खर्च और विभिन्न प्रकार के खर्च इसके तैयार होने तक शामिल हैं। देश में अंगूर का औसत उत्पादन 30 टन प्रति हेक्टेयर है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।

अंगूर की खेती से होगी अंधाधुन कमाई

हालांकि उपज किस्म, मिट्टी और जलवायु पर निर्भर करती है, लेकिन उपरोक्त वैज्ञानिक तकनीकों से खेती करने पर एक पूर्ण विकसित बाग से 30 से 50 टन अंगूर प्राप्त किए जा सकते हैं। कमाई के मामले में यह इस बात पर निर्भर करता है कि अंगूर के भाव में क्या चल रहा है। ऐसे में बाजार में इसकी न्यूनतम कीमत 50 रुपये किलो और औसत उपज 30 टन प्रति हेक्टेयर को देखते हुए इसका उत्पादन 15,00,000 रुपये की कुल आय देता है। कई बार अच्छे रेट मिलने पर ज्यादा रुपया का मुनाफा भी हो जाता है।

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